अजरबैजान और आर्मेनिया विवाद | Azerbaijan and Armenia Dispute
अजरबैजान और आर्मेनिया, दोनों ही सोवियत संघ का हिस्सा थे। 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद जो 15 नए देश बने, उनमें अजरबैजान और आर्मेनिया भी थे। हालांकि, दोनों के बीच 1980 के दशक से ही विवाद शुरू हो गया था।
दोनों के बीच नागोनों काराबाख इलाके को लेकर
विवाद है। इलाके पर कब्जे को लेकर दोनों के बीच चार दशकों से विवाद चल रहा है।
सोवियत संघ टूटने के बाद नागोर्नो काराबाख अजरबैजान के पास चला गया।
अजरबैजान मुस्लिम देश है, जबकि आर्मेनिया ईसाई बहुल राष्ट्र है। नागोन-
काराबाख की बहुल आबादी भी ईसाई ही है। इसके बावजूद सोवियत संघ जब टूटा तो इसे
अजरबैजान को दे दिया गया। यहां रहने वाले लोगों ने भी इलाके को आर्मेनिया को
सौंपने के लिए वोट किया था।
1994 में भयंकर युद्ध हुआ था (There was a fierce battle in 1994)
सोवियत संघ टूटने के बाद 1994 में दोनों देशों के बीच भयंकर युद्ध हुआ था।
इस कारण लाखों लोगों को पलायन करना पड़ा था और
सैकड़ों-हजारों लोगों की मौत भी हुई थी। बाद में दोनों देशों के बीच युद्धविराम तो लग गया,
लेकिन उसके बाद भी दोनों लड़ते रहे।
युद्धविराम से पहले नागोर्नो काराबाख पर
आर्मेनिया की सेना का कब्जा हो गया था। युद्धविराम के बाद ये इलाका अजरबैजान का ही रहा, लेकिन यहां अलगाववादियों की हुकूमत चलने लगी।
सितंबर 2020 में भी दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ था। इसमें 50 हजार से ज्यादा लोगों के मारे जाने का दावा किया जाता है।
दोनों देशों के बीच अक्सर सैन्य झड़पें होती रहती हैं।
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By sunaina
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